प्यारी प्यारी छोटी एवं बड़ी सभी बेटियों को मेरा ढेर सा प्यार , कुछ शब्द तुम्हारे लिए ।
तुम रचयिता हो ,तुम ही पालक तुम ही संहारक हो ।
तुम क्रांति की आख्यायिका और जलती हुई अंगार हो ,
तुम शक्ति की प्रलय का रूप हो और माँ का अंचल हो ।
तुम तुम चंचला की द्युति चपल और तीखी प्रखर अधिसार हो ।
क्यों नहीं है भान तुम्हें कि तुम शक्ति का अतुल भंडार हो ,
तुम खौलती जल निधि लहर और गतिमय पवन उनचास हो ।
तुम कालिका का कोप और रुद्र की भ्रू -ल्लास हो,
क्यों नहीं है भान तुम्हें कि तुम ममता की रसधार हो ,
क्यों नहीं है भान तुम्हें कि तुम इतिहास और तुम्ही भविष्य रचनाकार हो ।
तुम रचयिता हो ,तुम ही पालक तुम ही संहारक हो ।
क्यों नहीं है भान तुम्हें कि तुम अग्नि की भीषण लपट हो ,
तुम क्रांति की आख्यायिका और जलती हुई अंगार हो ,
तुम शक्ति की प्रलय का रूप हो और माँ का अंचल हो ।
तुम तुम चंचला की द्युति चपल और तीखी प्रखर अधिसार हो ।
क्यों नहीं है भान तुम्हें कि तुम शक्ति का अतुल भंडार हो ,
तुम खौलती जल निधि लहर और गतिमय पवन उनचास हो ।
तुम कालिका का कोप और रुद्र की भ्रू -ल्लास हो,
क्यों नहीं है भान तुम्हें कि तुम ममता की रसधार हो ,
तुम संरक्षक और संवर्धन मंडलाकार हो ,
तुम त्याग मूर्ति और चिर अमर बलिदान हो ।
क्यों नहीं है भान तुम्हें कि तुम इतिहास और तुम्ही भविष्य रचनाकार हो ।
very nice blog. I like and follow this blog.
ReplyDeleteVery Nice Blog.
ReplyDeleteNischay hi Balsahity ka adbhud blog darshan hua .....prabhavshali rachana ke liye sadar aabhar
ReplyDeleteथैंक्स नवीन भाई
Deletenice
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